मौनता को शब्द देकर शब्द में जीवन संजोकर
हमें जीवन जीना सीखाती है कविता
घोर तम में जी रहे के घाव पर मरहम लगाकर
नई रोशनी की किरण देती है कविता
बिछडे मन को मिलाकर उजडे घर को बसाकर
जीवन संघर्ष करना सीखाती है कविता
शिशु की किलकारियों का कभी उत्सव मनाकर
जीवन की शुरुआत करना सीखाती है कविता
फूलवारी में फूलों के लिए तितलियां बनकर
फूलों की तरह महकना सीखाती है कविता
जहां ईश्वर ना पहुंचे उन सभी जगहों पर जाकर
बहुत कुछ हमें सीखा देती है कविता
जब पूरी दुनिया गहरी नींद में सोये तब कवि को जगाकर
अपनी कल्पना के भाव से दुनिया सजाती है कविता
हमें जीवन जीना सीखाती है कविता
घोर तम में जी रहे के घाव पर मरहम लगाकर
नई रोशनी की किरण देती है कविता
बिछडे मन को मिलाकर उजडे घर को बसाकर
जीवन संघर्ष करना सीखाती है कविता
शिशु की किलकारियों का कभी उत्सव मनाकर
जीवन की शुरुआत करना सीखाती है कविता
फूलवारी में फूलों के लिए तितलियां बनकर
फूलों की तरह महकना सीखाती है कविता
जहां ईश्वर ना पहुंचे उन सभी जगहों पर जाकर
बहुत कुछ हमें सीखा देती है कविता
जब पूरी दुनिया गहरी नींद में सोये तब कवि को जगाकर
अपनी कल्पना के भाव से दुनिया सजाती है कविता
3 comments:
बहुत सुंदर प्रस्तुति.. आभार
aapkee lekhni jitnee shashakt hai aalekho me usse kaheen jyaada shashaktata se aap kavita likhtee hai
घोर तम में जी रहे के घाव पर मरहम लगाकर
नई रोशनी की किरण देती है कविता
बहुत गहन सोच और सुंदर अभिव्यक्ति.
रामराम.
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