Monday, April 20, 2009

चिंता मत कर

चिंता मत कर ऐ इंसान, तेरे साथ रहेंगे भगवान
निर्भय बन तू सौंप उन्हें इस जीवन की कमान
चिंता करने से नहीं जग में कोई दु:ख होता है कम
सच्चा इंसान कोशिश करते-करते ही भरता है दम
किया ना चिंता अभिमन्यू ने जब चक्रव्यूह में थे फंसे
देख इस कर्तव्य को प्रभु के नयनों में से थे नीर बहे
कोशिश करते करते जीना ही है सच्चा बलिदान
धीरज से हर संजोगों का करना तू सन्मान
तुने जो भी मांगा प्रभु देता ही है आया
सुख-दु:ख में साथ रहकर उसने तुज पर प्रीत बहाया
उम्मीदें तेरी बढती गई हर बार ऐ इंसान
दे प्रभु तुझे जितना तु उसमें ही संतोष मान

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