ऊंचाई के लिए यह लडाई है
नींव की भी उसे बहुत जरुरत है
गलती सिर्फ कदमों की नहीं,
यह डगर ही बडी मुश्किलों से भरी है
तु न करना गिनती कदमों के अपने
क्योंकि कबसे चल रहा यह खेल है
थोडा सा भी आराम अब मिलता नहीं
सब कुछ आज, अभी, इसी वक्त की जरुरत है
Saturday, April 18, 2009
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