Saturday, April 18, 2009

अकेला शहर

यह शोर-शराबे का शहर है
ओ सन्नाटे तुझे क्या खबर है?
रात के पीछे रात चली जा रही है
बंद हो गया अब सूरज का सफर है
शोर-शराबे में भी अकेला शहर है
किसकी लगी आज उसको नजर है
देख, फिर से निकला है सूरज वहां पर
मगर आज वो परछाई के बगैर है

1 comment:

Rajat Narula said...

band ho gaya suraj ka safar,

its just brilliant..